5 Simple Statements About shayari on karma Explained
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लेकिन औरों को गिराने का इरादा नहीं करता
चलता रहूँगा पथ पर, चलने में माहिर बन जाऊँगा, या तो मंजिल मिल जायेगी या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा.
मुझे ना सताओ इतना की मैं रूठ जाऊं तुमसे,
शरीफ है हम किसी से लड़ते नहीं पर जमाना जानता है, किसी के बाप से डरते नहीं !
तू आज भी यही सोचती होगी की मै अकेला हूँ,
अभी तो अच्छे लोगों चा राज है दुनिया में,
“दौलत तो विरासत में मिलती है, लेकिन पहचान अपने दम पर बनानी पड़ती है”
हम थोड़ी सी स्टाइल क्या मारे दुश्मनों की आँखे बड़ी हो गयी
कैसे केहदू की सिर्फ साँस से जिन्दा हु में,
मुश्किलें दिल के इरादें आज़माती है, स्वप्ना के परदे निगाहों से हटाती है, हौसला मत हार गिर कर वो मुसाफिर, here ठोकरें इंसान को चलना सिखाती है.
मेहनत इतनी खामोशी से करो की, तुम्हारी सफलता शोर मचा दे.
अकेले है कोई गम नहीं, जहाँ इज्जत नही वहाँ हम नहीं…
जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते…
फिर सोचता हूं होंगे दुनिया में उसके भी अपने,